हमारी रसोई एक दवाईघर भी है। हमारी रसोई में पाया जाने वाला हर पदार्थ या तो पोषण देने वाला होता है, या फिर शरीर के किसी रोग को दूर करने वाला। ऐसी ही एक वस्तु, जो हमारी रसोई में अवश्य पाई जाती जी, जिसका उपयोग कई बीमारियों में होता है। वह वस्तु है कलौंजी। कलौंजी के बीजों का मसाले के रूप में भोजन में और दवाई के रूप में किया जाता है। आईए जानते हैं कलौंजी के फायदे
- कलौंजी के फायदे बालों के लिए : जली हुई कलौंजी को हेयर ऑइल में मिलाकर रोज़ाना नियमित रूप से सिर पर मालिश करें इससे गंजापन दूर होता है। अगर बाल झाड रहे हैं, तो नए बाल उग आते हैं।
- पिंपल्स और मुहाँसों के लिए कलौंजी का उपयोग : कलौंजी को पीसकर सिरके में मिलाके रात को सोने से पहले अपने चेहरे पर लगाएं और सुबह ठन्डे पानी से चेहरे को धो लें। ऐसा करने से आपके चेहरे के मुंहासे 7 दिन में ही ठीक हो जाते हैं।
- कान की सूजन और बहरेपन के लिए कलौंजी का उपयोग : कान की सूजन में या बहरापन में कलौंजी के तेल को अच्छे से गरम लें। ठंडा होने के बाद कान में डालने से कान की सूजन दूर हो जाती है। साथ ही इससे कम सुनायी देना और बहरापन जैसे रोगों में भी फायदा होता है।
- पेट के कीड़ों के लिए कलौंजी का उपयोग : 10 ग्राम कलौंजी के बीज का चूर्ण 3 छोटे चम्मच शहद के साथ मिला लें। यह मिश्रण आप रोज़ाना रात सोते समय थोड़े दिन तक नियमित रूप से इस्तेमाल करें। इससे से पेट के कीडे़ पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं।
- प्रसव पीड़ा में कलौंजी का उपयोग : प्रसव पीड़ा में कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव की पीड़ा में आराम मिलता है।
- पुराना नजला और सर्दी जुकाम में कलौंजी का उपयोग : पुराने ज़ुकाम और नजले को ठीक करने के लिए आप आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल व एक चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबाल लें कि पानी खत्म हो जाए और केवल तेल ही रह जाए। फिर इसके बाद आप इसे छानकर 2 बूंद नाक में डालें ऐसा करने से आपका पुराने से भी पुराना सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है.
- कलौंजी के बीजों को सेंक लीजिए और इनको कपड़े में लपेटकर सूंघने से सर्दी जुकाम समाप्त होगा है. इसके अलावा कलौंजी का तेल और जैतून दोनों को बराबर मात्रा में लें और दो -दो बूँद नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम समाप्त होता है.
- यदि आपको बहुत ज़्यादा और बार-बार छींके आती हैं तो आप कलौंजी के बीजों को पीसकर उनका करना बन ले और दिन में 15 से 20 बार रह रह कर इसको सूंघें.
- त्वचा के रोगों में कलौंजी का उपयोग : दाद, खाजऔर खुजली में कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर प्रभावित त्वचा पर मालिश करने से चार्म रोगों में आराम मिलता है. और कलौंजी इसे जडी से भी खत्म कर देती है.
- आँखों के रोगों के लिए कलौंजी का उपयोग : आंखों में लाली हो या फिर मोतियाबिन्द, या आपकी आंखों से पानी आता हो इसके अलावा आंखों की रोशनी कम हो या कोई सा भी आंखों के रोगों में आप कप गाजर का रस लीजिए और लगभग आधा चम्मच कलौंजी का तेल अब इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर दिन भर में कम से कम 2बार सेवन करें. इससे आपकी आंखों के सभी नेत्र सम्बन्धी रोग ठीक हो जाते हैं.
- मानसिक तनाव में कलौंजी का उपयोग : एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर रात को सोते समय पीने से स्नायुविक विकार व मानसिक टेंशन दूर होती है.
- लकवे में कलौंजी का उपयोग : कलौंजी के तेल को एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और रोगग्रस्त अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा ठीक होता है.
- मलेरिया में कलौंजी का उपयोग : पिसी हुई कलौंजी लें आधा चम्मच इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से आपका मलेरिया का बुखार ठीक हो जाता है.
- धातु की कमजोरी में कलौंजी का उपयोग : कुछ लोगों का सोते समय रात को नींद में वीर्य अपने आप निकल जाता हो तो एक कप सेब के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर इसका दिन में 2 बार सेवन करने से बहुत फायदा होता है और इससे स्वप्नदोष दूर हो जाता है.
- खून की कमी के लिए कलौंजी का प्रयोग : एक कप पानी में 50 ग्राम के लगभग हरा ताज़ा पुदीना उबाल लें अब इस पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय सेवन करें. इससे 21 दिनों में खून की कमी दूर होती है। रोगी को खाने में खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए.
- बवासीर के लिए कलौंजी का उपयोग : कलौंजी की भस्म को बबासीर के मस्सों पर नियमित रूप से लगाने से बवासीर की बीमारी ठीक हो जाती है.
- सूजन में कलौंजी का प्रयोग : किसी को चोट लग जाये या मोच आ जाने के कारण शरीर के उस भाग में सूजन आ गई हो तो उसे दूर करने के लिए आप कलौंजी को पानी में पीस कर सूजन वाली जगह पर लगाएं। इससे सूजन दूर हो जाएगी और दर्द में भी आराम मिलेगा। कलौंजी के बीजों को पीसकर हाथ पैरों पर लेप करने से आपके हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है.
- पथरी के लिए कलौंजी का प्रयोग : पथरी के रोगों में आप 250 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीसकर 125 ग्राम शहद के साथ मिला लें और फिर इसमें आप आधा कप पानी और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिला लें। इसको आप रोज़ाना 2 बार खाली पेट इसका सेवन करें। इस तरह से आपको 21 दिन तक इसको पीने से पथरी गलकर पेशाब के रास्ते बहार निकल जाती है.
- हिचकी के लिए कलौंजी का प्रयोग : किसी को बार बार या बहुत ज़्यादा हिचकियाँ आती हों तो एक ग्राम पिसी कलौंजी शहद के साथ मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है इसके अलावा कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा को मठ्ठे (मही ) के साथ रोज़ाना 3-4 बार सेवन से भी हिचकी आना बंद हो जाती है. एक उपाय और है आप कलौंजी का चूर्ण 5 ग्राम मक्खन के साथ रोज़ खाएं 4 – 6 दिन में हिचकी आने का रोग दूर हो जाता है.
- यदि किसी प्रसूता के स्तनों में दूध नहीं उतरता या बहुत कम मात्र में दूध निकलता हो तो कलौंजी को लगभग एक ग्राम की मात्रा उसको प्रतिदिन सुबह-शाम दे सकते हैं इससे प्रसूता स्त्री के स्तनों में दूध बनता है.