अधिकतर लोगों को आसन, प्राणायाम, व्यायाम और योगासन इत्यादि में अंतर नहीं पता होता. वे इन सब नामों को लेकर भ्रम में पड़ जाते हैं. वे शुरुआत तो करना चाहते हैं, लेकिन उनको सही मार्गदर्शन नहीं मिलता. इस लेख में हम विस्तार से इन सब पर चर्चा करेंगे और लोगों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQ) के भी उत्तर देंगे.
प्राणायाम क्या है? | Pranayam Kya Hai? | Pranayam Kise Kahate Hain?
प्राणायाम के बारे में जानने से पहले हमने प्राण के बारे में जानना होगा. इस ब्रह्माण्ड में जो शक्ति भरी हुई है, वही प्राण है। वही प्राण शक्ति मनुष्य में भी बल, मन, बुद्धि आदि सब में है। हम प्रकृति में भी जो कुछ शक्तियां या आकाश आदि देखते हैं, वे प्राण का ही रूपान्तर हैं।
प्राण का सम्बन्ध मन से, मन का बुद्धि से, बुद्धि का इन्द्रियों और आत्मा से और आत्मा का परमात्मा से है। यदि हम एकाग्र मन से इस वायुमण्डल से प्राण वायु खींचकर अपने अन्दर कर लें तो प्राण शक्ति की वृद्धि होती है। हम जीवन में किसी अन्य की अपेक्षा अधिक बलशाली, बुद्धिमान, आकर्षक, सुन्दर तथा तेजस्वी पाते हैं। यह उस व्यक्ति की प्राणशक्ति का ही प्रभाव है। प्राण की ही सहायता से हम भोजन पचाते, देखते, सुनते और चलते-फिरते हैं। प्राण वह वायु है, जो शरीर में रमण करती है। उस प्राणवायु का बन्धन ही प्राणायाम है। अपानवायु में प्राणवायु का तथा प्राणवायु में अपानवायु का प्रवेश कराना ही प्राणायाम है।
प्राणायाम कितने प्रकार के होते हैं? | प्राणायाम के प्रकार
प्राणायाम 2 प्रकार के होते हैं
अगर्भ प्राणायाम
इसमें योगाभ्यासी किसी मंत्र का जप मन मन नहीं करता है.
सगर्भ प्राणायाम
इस प्राणायाम में में योगाभ्यासी अपने इष्टदेव के रूप को ध्यान में रखते हुए ॐ या इष्टदेव का नाम का जाप करता है.
प्राणायाम के लाभ
प्राणायाम से शरीर शक्तिशाली, सबल और स्वस्थ बनता है. अत्यधिक मोटापन दूर होता है. मुख पर तेज दिखाई पड़ता है. मन्दाग्नि दूर होती है. जठराग्नि प्रदीप्त होने से भूख खुलकर लगती है. प्राणायाम से सभी तरह के रोग धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं. प्राणायाम के अभ्यास से आन्तरिक अध्यात्मिक शक्ति जागृत हो जाती है.
मुख्य प्राणायाम कौन से हैं
ये मुख्य प्राणायाम हैं – 1. कपालभाती, 2. अनुलोम विलोम, 3. सूर्यवेध, 4- उज्जायी, 5-शीत्करी, 6-भस्त्रिका, 7-भ्रामरी, 8-मूर्च्छा 9- शीतली, 10-प्लावनी.
भस्त्रिका प्राणायाम से क्या लाभ होता है? | भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ
भस्त्रिका प्राणायाम से गले की सूजन दूर होती है. मन्दाग्नि दूर होती है तथा भूख बढती है. बलगम नष्ट होता है. नाक और छाती के रोग जैसे जुकाम, सिर दर्द, दमा, टीबी आदि समाप्त होते हैं. भस्त्रिका प्राणायाम से वे सब रोग दूर होते हैं जो वायु, पित्त तथा कफ से उत्पन्न होते हैं. भस्रिका से प्राणों को शक्ति मिलती है, जिससे भस्त्रिका करने वाला सुन्दर, तेजस्वी और शक्तिशाली हो जाता है.
शीत्करी प्राणायाम से क्या लाभ होता है? शीत्करी प्राणायाम के लाभ
शीत्करी प्राणायाम रक्त शुद्ध करता है. यह प्यास बुझाता है, और भूख शांत करता है.त्वचा व अंगों की जलन शांत करता है. यह पित्त, कफ की वजह से होने वाले रोगों को ठीक करता है. यदि कोई ऐसी जगह पर फंस जाये, जहाँ पर उसे पानी व भोजन मिलना संभव न हो, तो उसे शीत्करी प्राणायाम करना चाहिए. उसकी भूख एवं प्यास नियंत्रित हो जाएगी.